लड़ाकू विमान तेजस पूर्ण रूप से स्वदेशी लड़ाकू विमान है। तेजस को हिन्दुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड ने बनाया है। तेजस ने अपनी पहली उड़ान 2001 को भरी थी। देश के दो छोड़ पर दुश्मन की नापाक हरकतों का जवाब देने के लिए तेजस को विकसित किया गया है।
तेजस भारत की पहली स्वदेशी तकनीक से विकसित लड़ाकू विमान है। यह विमान एक स्वदेशी मल्टीरोल फाइटर जेट है। यानि युद्ध के अलावा अन्य कार्यों में भी इस विमान का उपयोग किया जा सकता है।
तेजस को बनाने की शुरुआत 1980 से ही शुरू कर दी गई थी। मिग-21 विमानों के लगातार पुराने हो रहे तकनीक से युद्ध जैसे हालात से निपटने के लिए तेजस की जरूरत को महसूस किया गया। तेजस विमान के 'तेजस' पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी ने दिया था।
तेजस एक संस्कृत शब्द है, जिसका मतलब होता है अत्यधिक ताकतवर ऊर्जा। यह एक हल्का लड़ाकू विमान है। तेजस विमान पाकिस्तान और चीन का संयुक्त रूप से बनाया गया विमान थंडरबर्ड से कई गुणा ताकतवर और फुर्तीला है।
तेजस के तेज का अनुमान इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब बहरीन इंटरनेशनल एयर शो के लिए तेजस का नाम प्रस्तावित हुआ था तब पाकिस्तान और चीन ने अपना थंडरबर्ड का नाम इस एयर शो से वापस ले लिया था।

क्यों है तेजस खास
- तेजस विमान हवा से हवा और हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है।
- इसमें एंटीशिप मिसाइल, बम, रॉकेट को लगाया जा सकता है। यह विमान बेहद ही हलका है।
- तेजस एक सिंगल सीटर फाइटर जेट है। इसमें 42 फीसदी कार्बन, 43 फीसदी एल्यूमीनियम और टाइटेनियम है। विमान मुख्य रूप से इन्ही तीनों धातुओं से मिलकर बना है।
- तेजस एक बार में 54 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है। तेजस की कुल लागत है 7000 करोड़ रुपए।
तेजस की ताकत
- एक बार में 3000 किलोमीटर की दूरी तक उड़ान भरने में सक्षम
- 2222 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरने में सक्षम
- अन्य विमानों की तुलना में सभी हथियारों से लैस होने के बाद भी मात्र 13500 किलो ही वजन
- हवा से हवा में मार करने वाली 6 मिसाइलें एक साथ ले जाने की क्षमता। हवा से जमीन पर मार करने वाली दो तरह की मिसाइलें ले जाने में सक्षम
- तेजस पर ब्रम्होस सुपर सोनिक क्रूज मिसाइल, परमाणु क्षमता से लैस मिसाइल, लेजर गाइडेड बम, और कलस्टर वेपन के साथ और भी कई तरह के हथियार लेकर युद्ध करने में सक्षम।