बिहार के विधानसभा चुनाव 2020 के चुनावी मैदान मे आरक्षण का मुद्दा भी अब लाया जा चुका है आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलने की वकालत करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने आरक्षण का मसला उठाया है सीएम नीतीश कुमार ने कहा है की उनकी यही राय है और हमेशा वो इसपर कायम है कि जातियों को उनकी आबादी के हिसाब से ही आरक्षण मिलना चाहिए.
ज़ाहिर है कि बिहार विधानसभा चुनाव 2020 मे वोट बटोरने के लिए राजनीतिक दल जी-जान से कोशिश करने मे लगे हुए है सभी पार्टियां अपने मुद्दे बिहार की जनता के सामने रख रही है रोज़गार,कोरोना वैक्सीन,कानून व्यवस्था और घोटालों को लेकर जम के चर्चा हो रही है और इन सभी के बीच सीएम नीतीश कुमार ने बिहार चुनाव की रण भूमि मे आरक्षण का मुद्दा लाते हुए नया दावं खेला है
नीतीश कुमार ने वाल्मीकिनगर मे कहा कि जातियों को आबादी के हिसाब से आरक्षण मिलना चाहिए. असल में वाल्मीकि नगर में थारू जाति के काफी वोट हैं और इस जाति ने जनजाति में शामिल होने की मांग उठायी है. थारू जाति के लोगो की इसी मांग का समर्थन करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने अपने वोट बैंक को साधते हुए आरक्षण के मुद्दे पर कहा कि जनगणना हम लोगों के हाथ में नहीं है, लेकिन हम चाहेंगे कि जितनी लोगों की आबादी है, उस हिसाब से लोगों को आरक्षण मिले. इसमें हमारी कोई दो राय नहीं है.
सीएम नीतीश कुमार ने ये भी कहा कि थारू को आरक्षण का फायदा दिलाने के लिए वो सालों से कोशिश कर रहे हैं. तब से जब से वो अटल सरकार में रेल मंत्री थे. असल में यहां प्रचार करने के लिए पहुंचे नीतीश के सामने थारू जाति ने पुरजोर तरीके से आरक्षण का मसला रखा था.
बिहार मे पहले चरण के विधानसभा चुनाव हो चुका है.सीएम नीतीश आरक्षण का दांव भी आजमा चुके है, अब देखना यह है कि विपक्ष इस मुद्दे कि क्या और कैसी काट निकालते हैं.