करोड़ो लोगो के नागरिकता के सपने को हकीकत मे बदलेंगे बाइडन,5 लाख भारतीय भी शामिल अमेरिका मे नए राष्ट्रपति के रूप मे शपथ ग्रहण करने जा रहे जो बाइडन अप्रवासियों के मुद्दे पर बड़ा कदम उठाने जा रहे है. रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक नए राष्ट्रपति जो बाइडन अपने कार्यकाल के पहले ही दिन आव्रजन विधेयक को मंज़ूरी दे सकते है. इस विधेयक के पास होने से अमेरिका मे कानूनी मान्यता के बिना रह रहे 1 करोड़ 10 लाख लोगो को वहां की नागरिकता मिल जाएगी. इन 1 करोड़ 10 लाख लोगो मे भारतीय मूल के लोग भी शामिल है.
हालांकि बाइडन की यह नीति डोनाल्ट ट्रंप की अप्रवासी नीति के बिलकुल विपरीत है. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान अपने सुनहरे भविष्य और रोजगार की तलाश मे अमेरिका आने वाले लोगो को रोखा साथ ही अवैध रूप से यूएस में घुस आगे लोगों को डिपोर्ट भी करवा दिया.
लेकिन जो बाइडेन एकदम विपरित नीति पर चल रहे हैं. राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार के दौरान ही बाइडेन ने अमेरिका के दरवाजे प्रतिभाशाली लोगों के लिए खोलने का वादा किया था. बाइडेन के इस कदम से लैटिन अमेरिकी देशों, भारतीय, चीनियों को फायदा होगा.
लेकिन नए राष्ट्रपति जो बाइडन ट्रंप से अलग ही नीति पर चल रहे है. जो बाइडन ने अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव प्रचार के दौरान अमेरिका मे प्रतिभाशाली लोगो का स्वागत करने का वादा किया था. बाइडेन के इस कदम से लैटिन अमेरिकी देशों, भारतीय, चीनियों को फायदा होगा.
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार जो बाइडन ने नई अप्रवासी नीति को लागू करने के लिए 1 जनवरी 2021 को बेंचमार्क बनाया है. यानी कि इस तारीख तक जो लोग अमेरिका में बिना कानूनी मान्यता के रह रहे थे उन्हें वहां की नागरिकता देने पर विचार किया जाएगा. इस बाबत जो बाइडेन अपने कार्यकाल के पहले ही दिन बिल पर हस्ताक्षर कर सकते हैं.
नागरिकता पाने की प्रक्रिया 8 साल तक चलेगी. इस दौरान अमेरिका में इन लोगों के व्यवहार, कानून के प्रति सम्मान को जांचा परखा जाएगा. सबसे पहले इन्हें 5 साल तक के लिए ग्रीन कार्ड दिया जाएगा, इस दौरान उनका बैकग्राउंड चेक किया जाएगा, देखा जाएगा कि क्या ये टैक्स भर रहे हैं, और दूसरी बुनियादी जरूरतें पूरी कर रहे हैं. इस जांच के बाद इन्हें दूसरे फेज में ट्रांसफर किया जाएगा जो कि तीन साल का होगा. इस चरण को 'न्यूट्रलाइजेशन' का नाम दिया गया है. इस फेज में नागरिकता के इच्छुक लोगों की अमेरिकी नागरिकता पक्की की जाएगी.
बाइडेन के इस प्लान में अमेरिकी जिंदगी के सपने संजोने वाले लोगों के लिए खास स्थान है. ड्रीमर्स वे हैं जो अपने माता-पिता के साथ नाबालिग रूप में अमेरिका बिना कागजात के घुसे हैं. इस कैटेगरी में युवा, बच्चे, किसान, आते हैं. अगर ये किसी काम में हैं, स्कूल जाते हैं और दूसरी शर्तें पूरी करते हैं तो इन्हें ग्रीन कार्ड जल्दी मिल पाएगी और अमेरिका में इनकी नागरिकता भी जल्द पक्की हो सकेगी.
गौरतलब है कि 2019 तक अमेरिका में भारतीयों की संख्या 27 लाख थी. अमेरिका में भारतीयों की आबादी वहां की कुल आबादी का 6 प्रतिशत है. इनमें से लाखों भारतीय ऐसे हैं जो वहां कानूनी रूप से नहीं रह हैं और उन्हें अमेरिका की नागरिकता की जरूरत है. एक अनुमान के अनुसार ऐसे 5 लाख भारतीय हैं जिन्हें जो बाइडेन के नए अप्रवासी बिल से वहां की नागरिकता पाने का मौका मिल सकेगा.