ब्रिटेन मे पाए गए कोरोना के नए स्ट्रेन की वजह से वहां कोरोना संक्रमण के मामलें तेज़ रफ्तार से बढ़ते जा रहे है जो काफी चिंताजनक है. वही दूसरी ओर ब्राजील में भी कोरोना के नए स्ट्रेन का एक मामला सामने आया है. कोरोना के नए स्ट्रेन से संक्रमित मरीज़ों की तेज़ी से बढ़ती हुई संख्या को देखते हुए यूके की सरकार ने सतर्कता बरतनी शुरू कर दी है. इसलिए यूके में सोमवार से सभी प्रकार के ट्रैवल कॉरिडोर बंद किए जा रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कोरोना के नई स्ट्रेन के खतरे से बचने के लिए ट्रैवल कॉरिडोर बंद करने का ये फैसला लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार किसी भी बाहरी देश की फ्लाइट को यूके में प्रवेश करने से पहले कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी पड़ेगी, उसके बाद ही उसे यूके में एंट्री मिलेगी.
यूके मे सोमवार से सरकार के इस नए फैसले को लागू कर दिया जाएगा. यूके मे एंट्री के लिए ताजा कोरोना नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी पड़ेगी जिसके बाद ही उन्हें एंट्री मिलेगी और ऐंट्री के बाद भी किसी को खुलेआम घूमने की इज़ाज़त नही होगी. एंट्री के बाद पहले 10 दिन के लिए आइसोलेशन में रहना पड़ेगा. हालांकि अगर पांच दिन बाद यात्री की रिपोर्ट नेगेटिव आ जाती है तो उसका आइसोलेशन पीरियड समाप्त मान लिया जाएगा.
यूके के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने इस बात की घोषणा देश मे वैक्सीनेशन प्रोग्राम के लिए की गई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान की. प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बोरिस जॉनसन ने कहा यह भी चेताया कि कि 'हम नहीं चाहते कि हमारी सारी कड़ी मेहनत आने वाले नए कोरोना स्ट्रेन से खराब चली जाए, जिसपर कोरोना वैक्सीन भी कारगर नहीं है.'' जॉनसन ने बताया ये नई घोषणा आने वाली 15 फरवरी तक लागू रहेगी.''
ट्रैवल कॉरिडोर की शुरुआत यूके में गर्मियों के दिनों में की गई थी, इसके माध्यम से उन देशों से आने वाले यात्रियों को सुविधा दी गई थी जहां कोरोना के कम मामले हैं. इन देशों से आने वाले यात्रियों को ब्रिटेन आने पर बिना क्वारनटीन के ही एंट्री की अनुमति थी
गुरुवार के दिन ब्रिटेन ने साउथ अमेरिका, पुर्तगाल और बाकी कई देशों से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध लगा दिया है जहां ब्राजील में पाए गए नए कोरोना स्ट्रेन के खतरे की संभावना है.
ब्रिटेन पहले से ही कोरोना से सबसे बुरी तरह से प्रभावित होने वाले देशों में से एक है. कोरोना का एक नया स्ट्रेन इंग्लैंड में भी पाया गया है जो पिछले वायरस से 70 प्रतिशत अधिक संक्रामक है, इसके कारण ब्रिटेन में और अधिक कोरोना मामले बढ़ चुके हैं