चंडीगढ़। ओलिंपिक खेलों में हरियाणा के शानदार प्रदर्शन से उत्साहित प्रदेश सरकार ने अब स्कूल स्तर से ही अच्छे खिलाड़ी तैयार करने की योजना बनाई है। इसके लिए खेल सुविधाओं का बुनियादी ढांचा मजबूत किया जाएगा। नए सिरे से स्कूल खेल पालिसी तैयार की जा रही है। इसके अलावा ओलिंपिक विजेताओं की कहानी को भी पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा। शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों और सहायक शिक्षा अधिकारियों (खेल) के साथ नए प्रारूप पर मंथन करते हुए विभिन्न सुझावों पर काम करने के निर्देश दिए हैं। स्कूलों में खेल सुविधाएं और प्रतिभाओं को तराशने के साथ ही खिलाड़ियों के चयन में भाई-भतीजावाद को खत्म करने पर जोर रहेगा। स्कूल खेलों में धोखाधड़ी को पूरी तरह नियंत्रित करने के लिए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की सिफारिश की गई है।
किस क्षेत्र में बच्चे कौन सा खेल अधिक खेलते हैं, उसे चिन्हित कर उस क्षेत्र में उसी खेल को प्रोत्साहित किया जाएगा। कैच द चाइल्ड मुहिम के तहत खेलते समय बच्चों की निगरानी की जाएगी कि वह कहां खेलते हैं और कब व कैसे। इससे प्रतिभाओं को तलाशने में मदद मिलेगी। प्रत्येक मंडल और फिर प्रत्येक ब्लाक में विशिष्ट खेल सुविधाओं वाला एक आवासीय विद्यालय खोलने की योजना है।
स्कूलों में डीपीई और पीटीआइ की भूमिका तथा जिम्मेदारियों को नए सिरे से परिभाषित किया जाएगा ताकि वह और बेहतर तरीके से भावी खिलाड़ियों को तराशें। प्रत्येक स्कूल को हर साल खेल दिवस जरूर मनाना होगा। अगर कोई शिक्षक बच्चों को विशेष खेल खिलाने में रुचि रखता है तो उसे संबंधित खेल का प्रशिक्षण देकर उन स्कूलों में भेजा जाएगा जहां वह खेल सुविधाएं होंगी।